शोध-कार्य-प्रकाशन (Research-Publications)
यह न केवल विभाग का अपितु विश्वविद्यालय का भी गौरव है कि इस विभाग ने एक दशक की अल्पावधि में शोध की दृष्टि से उपयोगी निम्न ग्रन्थ प्रदान किये हैं-
1. प्रो. ज्ञान प्रकाश शास्त्री
प्रकाशित ग्रन्थ:-
क्र0 | नाम | प्रकाशन | ISSN/ISBN N0. | वर्ष | पृष्ठ सं0 |
1. | आचार्य यास्क की वेदव्याख्या-पद्धति | श्री पब्लिशिंग हाउस 4056 अजमेरी गेट, दिल्ली | सन् 1985 | 150 | |
2. | वैदिक-निर्वचन-कोष:। | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | सन् 2000 | 248 | |
3. | आचार्य यास्क का पदचतुष्टयसिद्धान्त। | संस्कृत ग्रन्थागार, 46 संस्कृत नगर, सेक्टर 14 रोहिणी, दिल्ली | सन् 2002 | 185 | |
4. | आचार्य दुर्ग की निरुक्तवृत्ति | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | सन् 2003 | 600 | |
5. | वैदिक साहित्य में जलतत्त्व और उसके प्रकार। | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | सन् 2004 | 274 | |
6. | पाणिनि-प्रत्ययार्थ-कोष:। | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | सन् 2004 | 902 | |
7. | निघण्टु के पर्यायवाची नामपदों में अर्थभिन्नता। | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | सन् 2005 | 864 | |
8. | यजुर्वेदपदार्थकोष: | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81710-337-9 | सन् 2009 | 798 |
9. | दयानन्द-सन्दर्भ-कोष: प्रथम भाग |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81710-378-2 | सन् 2011 | 1-718 |
10. | दयानन्द-सन्दर्भ-कोष: द्वितीय भाग |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81710-379-9 | सन् 2011 | 919-1476 |
11. | दयानन्द-सन्दर्भ-कोष: तृतीय भाग |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81710-380-5 | सन् 2011 | 1477-2178 |
12. | ऋग्वेद के भाष्यकार और उनकी मन्त्रार्थदृष्टि | महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रिय वेदविद्या प्रतिष्ठान, (मानवसंसाधनविकास मन्त्रालय, भारत सरकार) उज्जैन (म.प्र.) | 978-81-923629-6-0 | सन् 2012 | 791 |
13. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः प्रथम भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-0 | सन् 2012 | 786 |
14. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः द्वितीय भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-1 | सन् 2012 | 787-1382 |
15. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः तृतीय भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-2 | सन् 2012 | 1383-2242 |
16. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः चतुर्थ भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-3 | सन् 2012 | 2243-2876 |
17. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः पञ्चम भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-4 | सन् 2012 | 2877-3496 |
18. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः षष्ठ भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-5 | सन् 2012 | 3497-4174 |
19. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः सप्तम भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-6 | सन् 2012 | 4175-4965 |
20. | ऋग्भाष्यपदार्थकोषः अष्टम भाग | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-426-7 | सन् 2012 | 4966-5712 |
21. | प्रस्थानत्रयी-पदानुक्रम-कोषः | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-479-6 | सन् 2014 | 652 |
22. | निरुक्तवृत्ति | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-493-2 | सन् 2015 | 620 |
23. | औपनिषदिक-पदानुक्रम-कोषः भाग प्रथम |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-503-8 978-81-7110-504-5 |
सन् 2015 | 1-708 |
24. | औपनिषदिक-पदानुक्रम-कोषः भाग द्वितीय |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-503-8 978-81-7110-505-2 |
सन् 2015 | 709-1356 |
25. | औपनिषदिक-पदानुक्रम-कोषः भाग द्वितीय |
परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | 978-81-7110-503-8 978-81-7110-506-9 |
सन् 2015 | 1357-2139 |
प्रकाशित ग्रन्थ
प्रो. सत्यदेव निगमालंकार
क्र0सं0शीर्षकग्रन्थ की प्रकृतिवर्ष एवं प्रकाशकISBN No.
1 | वेद ज्योत्स्ना | वेद के विभिन्न विषयों का प्रतिपादन। | प्रकाशक-वैदिक अनुसन्धान केन्द्र, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | |
2 | औचित्य सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में वाल्मीकि रामायण | काव्यशास्त्र के औचित्य-सिद्धान्त का वाल्मीकि रामायण में अन्वेषण किया गया है। | सन् 1998 प्रकाशक-क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, 28 शापिंग सेन्टर, कर्मपुरा, नई दिल्ली, |
81-7054-288-8 |
3 | वैदिक धात्वर्थ विचार | वैदिक निघण्टुकोश में समागत 315 आख्यातों का ऋग्वेद में अर्थान्वेषण एवं समीक्षा। | सन् 2006, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, |
81-7702-131-1 |
4 | वैदिक गत्यर्थक आख्यात मीमांसा | वैदिक निघण्टुकोष में समागत 122 गत्यर्थक आख्यातों का ऋग्वेद में अर्थान्वेषण | सन् 2006, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 81-7702-093-5 |
5 | काशिका पदकृत्यकोषः, | काशिका में समागत पदकृत्य का कोष बनाया गया है। | सन् 2007, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007 | 81-7702-139-7 |
6 | देवस्य पश्य काव्यम् | वेद एवं लौकिक विषयों को लेकर काव्य-रचना की गयी है। | सन् 2008, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, |
81-7702-166-4, |
7 | वाल्मीकि रामायण सूक्तिकोषः | वाल्मीकि रामायण में समागत समस्त सूक्तियों का कोष एवं अर्थदर्शन। | सन् 2008, प्रकाशक-श्री घूडमल प्रहलादकुमार धर्मार्थ न्यास, हिण्डौन सिटी (jepe0)-322230 | 938020900-2 |
8 | पाणिनीय वैदिक सूत्रमीमांसा, (दो भागों में) | आचार्य पाणिनि के ग्रन्थ अष्टाध्यायी में समागत वैदिकसूत्रों का वेद संहिताओं तथा शाखा ग्रन्थों में अन्वेषण एवं मीमांसा। | सन्-2009, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 0978-81-7702-203-2, |
9 | पाणिनीय वैदिक सूत्रमीमांसा, (दो भागों में) | आचार्य पाणिनि के ग्रन्थ अष्टाध्यायी में समागत वैदिकसूत्रों का वेद संहिताओं तथा शाखा ग्रन्थों में अन्वेषण एवं मीमांसा। | सन्-2009, प्रकाशक-डॉ0 राधेश्याम शुक्ल, प्रतिभा प्रकाशन, 29/5 शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-205-6 |
10 | ऋग्वेदधातुकोषः भाग-प्रथम |
ऋग्वेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-235-3 |
11 | ऋग्वेदधातुकोषः भाग-द्वितीय |
ऋग्वेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-236-0 |
12 | ऋग्वेधातुकोषः भाग-तृतीय |
ऋग्वेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-237-9 |
13 | यजुर्वेदधातुकोषः भाग-चतुर्थ |
यजुर्वेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-238-4 |
14 | सामवेदधातुकोषः भाग-पञ्चम |
सामवेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-239-1 |
15 | अथर्ववेदधातुकोषः भाग-षष्ठ |
अथर्ववेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-270-4 |
16 | अथर्ववेदधातुकोषः भाग-सप्तम |
अथर्ववेद में समागत समस्त धातुओं एवं उनके मत्रों का कोष बनाया गया है। | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 978-81-7702-271-1 |
17 | धर्म, दर्शन एवं संस्कृति : एक समालोचनात्मक अध्ययनॅ | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, |
सम्पादित ग्रन्थ (Editing)
प्रो. ज्ञान प्रकाश शास्त्री
क्र. | नाम | प्रकाशन | ISSN/ISBN N0. | वर्ष | पृष्ठ सं0 |
1 | गुरुकुल पत्रिका | गुरुकुल काँगड़ी प्रकाशन, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | 2003 एवं 2004 | ||
2 | गुरुकुल शिक्षादर्शन | गुरुकुल काँगड़ी प्रकाशन, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | 2003 | 156 | |
3 | गुरुकुल-शोध-भारती षाण्मासिकी शोधपत्रिका |
गुरुकुल काँगड़ी प्रकाशन, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | ISSN 0974-8830 | 2004 से अब तक निरन्तर (23 अंक प्रकाशित) | |
4 | महर्षि दयानन्दकृत यजुर्वेदभाष्य (प्रथम भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | 2008 | 1-692 | |
5 | महर्षि दयानन्दकृत यजुर्वेदभाष्य (द्वितीय भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | 2008 | 693-1454 | |
6 | महर्षि दयानन्दकृत यजुर्वेदभाष्य (तृतीय भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | 2008 | 1455-2085 | |
7 | स्कन्दमहेश्वरकृत निरुक्तभाष्यटीका | परिमल प्रकाशन, शक्तिनगर दिल्ली | ISBN 978-81-7110-347-8 | 2009 | 806 |
8 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य (प्रथम भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-1 | 2010 | 1-472 |
9 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य (द्वितीय भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-2 | 2010 | 473-967 |
10 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य (तृतीय भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-3 | 2010 | 968-1471 |
11 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य (चतुर्थ भाग) | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-4 | 2011 | 1472-1968 |
12 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य द्वितीय मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-5 | 2011 | 406 |
13 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य तृतीय मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-6 | 2011 | 543 |
14 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य चतुर्थ मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-7 | 2011 | 496 |
15 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य पञ्चम मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-00-8 | 2012 | 592 |
16 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य षष्ठ मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-01-5 | 2012 | 623 |
17 | महर्षि दयानन्दकृत ऋग्वेदभाष्य सप्तम मण्डल | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-00-8 | 2012 | 629 |
18 | वैदिक स्वप्नविज्ञान | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-9 | 2011 | 203 |
19 | वेदविमर्श | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-81-909957-0-8 | 2012 | 209 |
20 | ऋषि-रहस्य | श्रद्धानन्द अनुसन्धान प्रकाशन केन्द्र, गु.काँ.समवि.वि. हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-01-5 | 2012 | 204 |
प्रो. सत्यदेव निगमालंकार
क्र0सं0 | शीर्षक | ग्रन्थ की प्रकृति | वर्ष एवं प्रकाशक | ISBN No. |
1. | योगजीवन पद्धति, लेखक-परमहंस डॉ0 स्वामी मुक्तानन्द पुरी जी महाराज, | योगदर्शन को आधार बनाकर सचित्र योग का व्यावहारिक ज्ञान | प्रथम प्रकाशन-2007 प्रकाशक-आर0डी0 पाण्डेय, सत्यम् पब्लिशिंग हाउस-3/25, मोहन गार्डन, नई दिल्ली 59 |
81-88134-70-8, |
2. | स्वस्ति पन्थाः | विभिन्न विषयों से सम्बन्धित लेख-संग्रह। | सन् 2009 प्रकाशक-आर्य वानप्रस्थ संन्यास आश्रम, ज्वालापुर, हरिद्वार सह-सम्पादक-सत्यदेव निगमालंकार | |
3. | ऋग्वेदभाष्यम्-भाष्यकार-स्वामी दयानन्द सरस्वती भाग-प्रथम |
महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत ऋग्वेद भाष्य का शुद्ध एवं टिप्पणियों सहित प्रकाशन | सन् 2010 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | 978-81-909957-0-1 |
4. | ऋग्वेदभाष्यम्-भाष्यकार-स्वामी दयानन्द सरस्वती भाग-द्वितीय |
महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत ऋग्वेद भाष्य का शुद्ध एवं टिप्पणियों सहित प्रकाशन | सन् 2010 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | 978-81-909957-0-2 |
5. | ऋग्वेदभाष्यम्-भाष्यकार-स्वामी दयानन्द सरस्वती भाग-तृतीय |
महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत ऋग्वेद भाष्य का शुद्ध एवं टिप्पणियों सहित प्रकाशन | सन् 2010 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | 978-81-909957-0-3 |
6. | ऋग्वेदभाष्यम्-भाष्यकार-स्वामी दयानन्द सरस्वती भाग-चतुर्थ |
महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत ऋग्वेद भाष्य का शुद्ध एवं टिप्पणियों सहित प्रकाशन | सन् 2011 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | |
7. | गुरुकुल शोध पत्रिका (मासिक शोध-पत्रिका) | विद्वानों के विभिन्न लेखों का संग्रह एवं प्रकाशन। | सह सम्पादकत्व-2003 से निरन्तर वर्त्तमान तक | |
8. | सामवेद संहिता | साममन्त्रों का शुद्ध रूप से प्रकाशन | प्रतिभा प्रकाशन, 7259/23 अजेन्द्र मार्केट, प्रेमनगर शक्तिनगर, दिल्ली, 110007, | 81-7702-276-8 |
9. | गुरुकुल शोधप्रभा | विभिन्न विषयों से सम्बन्धित लेखों का संकलन | सन् 2013 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | |
10. | अथर्ववेदभाष्यम् भाग 1 | सन् 2013 प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-01-9 | |
11. | अथर्ववेदभाष्यम् भाग 2 | सन् 2013प्रकाशक-श्रद्धानन्द अनुसन्धन प्रकाशन केन्द्र गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार | ISBN 978-93-88204-01-10 |